- एक बार मेरे टीचर ने मुझसे कहा बेटा तुम इंग्लिश पर थोडा ध्यान दिया करो अगर इंग्लिश सीख लोगे तो, जिंदगी में बहुत तरक्की मिलेगी,
- मैंने ठान लिया कि मुझे इंग्लिश सीखना है, मन विश्वास लिए मै एक नजदीक के चौराहे पर पहुंचा, वहां पहुच कर मैंने एक पान वाले से पूछा मुझे इंग्लिश सीखनी है कहाँ जाऊं, पान वाले ने कहा अगली गली में चले जाओ जहाँ पर जादा भीड़ लगी होगी वही पर पूछ लेना
- मै उस गली में पंहुचा , एक लम्बी लाइन लगी थी लोग धक्का मुक्की कर रहे थे, बड़ी मसक्कत के बाद मै उस व्यक्ति के पास पहुंचा जो अन्दर बैठा था और खिड़की से देख रहा था, मैंने पहुचते ही उससे पूछा मुझे इंग्लिश सीखनी है, उसने कहा 60 रुपये दीजिये, मैंने दे दिए ,
- खुदा कसम, उस दिन के बाद मैंने इस कदर इंग्लिश सीखा कि देशी को हाथ नहीं लगाया
31 Oct 2010
मैंने इंग्लिश सीखा,
29 Oct 2010
वो चार आदमी
- मै चार लोगों से बहुत जादा परेशान हूँ
- मैंने अपनी पढाई लिखाई, अपना करियर सब इसलिए बनाया की चार लोगों के बीच मेरी इज्जत बनी रहे
- एक बार मै दिल्ली जा रहा था तो मेरे पिता जी ने कहा बेटा संभल कर जाना चार लोगों के बीच तुम्हे जाना है
- मै अपने दोस्त के साथ एक पार्क घूम कर लौट रहा था तो दोस्त बोला अगले संडे फिर आयेंगे, मैंने पूंछा क्यों , उसने कहा यहाँ चार लोगों से मुलाकात होती है अच्छा लगता है
- मै परेसान होकर अपने एक दोस्त सरदार जगजीत सिंह के पास गया और बोला, पाजी ये चार लोग मेरा पीछा कब छोड़ेंगे,
- सरदार जी ने कहा, जिस दिन वही चार लोग आपको को शमसान में छोड़ेंगे उस दिन वो आपका पीछा छोड़ देंगे
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