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अनुशरणकर्ता

25 Mar 2013

होली

रह जाए अबके फीका रंग होली में
हर  कली खेलेगी अबके जंग होली में 

हर खता हर दूरियां हम भूल जायेंगे 
सब रहेंगे साथ मिलकर मुस्करायेंगे
सबको सिखायेंगे नया, ये ढंग होली में
 
रह जाए अबके ............................



दोस्तों अब दोस्ती ऐसे निभाएंगे 
दुश्मनों से दुश्मनी भी भूल जायेंगे 
दिल में रहेगी ऐसी कुछ उमंग होली में 
 
रह जाए अबके ............................

रह रह के मेरा मन उन्हें भी याद करता है 
हर घडी मिलने के ही फ़रियाद करता है 
उड़ने दो अपने प्यार की पतंग होली में 
रह जाए अबके ............................

एच डी, उठो इस जगत को  आदित्य से भर दो 
थामकर अपनी कलम साहित्य से भर दो 
कोई दारू, कोई भंग होली में  
रह जाए अबके ............................