मेरा जाना न होता, उनका आना न होता
न होता सिलसिला तो फिर ये फ़साना न होता
अगर मिल जाती मुझे एक नज़र चाहत की
तो ये एच. डी. कभी, बेगाना न होता
अगर न देखता उनकी खिलती हुई मुस्कान
तो ये भंवरा कलियों का दीवाना न होता
जाने कब हो गया होता फ़ना इस दुनिया से
गर उनकी यादों का आशियाना न होता
न होता सिलसिला तो फिर ये फ़साना न होता
अगर मिल जाती मुझे एक नज़र चाहत की
तो ये एच. डी. कभी, बेगाना न होता
अगर न देखता उनकी खिलती हुई मुस्कान
तो ये भंवरा कलियों का दीवाना न होता
जाने कब हो गया होता फ़ना इस दुनिया से
गर उनकी यादों का आशियाना न होता
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