जीवों पर दया करो
प्रकृति ने हमें उपहार स्वरुप जो जीव दिए हैं उनको देखने मात्र से मन को बड़ा सुकून मिलता है, वो हमारी भाषा को तो नहीं समझते परन्तु उनके व्यवहार से पता चलता है कि ये भी अपने सामजिक अस्तित्व को कुछ हद तक जानते हैं परन्तु उसको अपने अनुसार ढालने में सक्षम नहीं हैं
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